गढ़वाली में वैसे तो अभी तक मानकीकरण न होने के कारण कई कारक चिह्न विद्यमान हैं ,परन्तु यहाँ पर उनमें से सर्वाधिक लोकप्रिय चिह्न ही आपको पढाये जायेंगे जो कि इस प्रकार हैं :
कारक गढ़वाली हिंदी समरूप उदहारण
कर्ता ल /न (ने) धीरूल (धीरू ने)
कर्म ते /थे (को) मंगतू ते(मंगतू को)
करण न /से (से) पुंगडून(खेत से)
संप्रदान खें /खुणि/खुण (के लिये) जाण खें (जाने के लिए)
अपादान बटी /बिटी /भटी (से) इस्कोल बटी (पाठशाला से)
अधिकरण मा (में/पर) डालमा (पेड़ पर )
सम्भोधन रे /ह्वरे (हे/अरे) ह्वरे गोपी !(अरे गोपी !)
नोट : यहाँ पर भले ही कुछ स्थानों पर एक से अधिक कारक दिए गए हैं ,परन्तु पाठक यह ध्यान रखें कि सबसे लोकप्रिय कारक सबसे पहले लिखा गया है और आम बोलचाल में वह किसी भी कारक का उपयोग कर अपनी बात औरो को समझा सकता है .
कारक गढ़वाली हिंदी समरूप उदहारण
कर्ता ल /न (ने) धीरूल (धीरू ने)
कर्म ते /थे (को) मंगतू ते(मंगतू को)
करण न /से (से) पुंगडून(खेत से)
संप्रदान खें /खुणि/खुण (के लिये) जाण खें (जाने के लिए)
अपादान बटी /बिटी /भटी (से) इस्कोल बटी (पाठशाला से)
अधिकरण मा (में/पर) डालमा (पेड़ पर )
सम्भोधन रे /ह्वरे (हे/अरे) ह्वरे गोपी !(अरे गोपी !)
नोट : यहाँ पर भले ही कुछ स्थानों पर एक से अधिक कारक दिए गए हैं ,परन्तु पाठक यह ध्यान रखें कि सबसे लोकप्रिय कारक सबसे पहले लिखा गया है और आम बोलचाल में वह किसी भी कारक का उपयोग कर अपनी बात औरो को समझा सकता है .