सोमवार, 28 मार्च 2011

गढ़वाली में वर्तमान काल


आज हम गढ़वाली क्रियाओं के वर्तमान काल के रूप (conjugations) पढेंगे. जैसे कि आपको बताया जा चुका है कि क्रिया काल ,पुरुष और वचन के अनुसार अपना रूप बदलती है और इन सभी विषयों को हम पिछले पाठ में पढ़ चुके हैं .तो चलिए आज पढते हैं वर्तमान काल :

कुमाऊँनी सर्वनाम (हिंदी सर्वनाम )   खाण(खाना )            जाण(जाना )        पढण(पढ़ना)   


मि (मैं )                       खान्दु                  जान्दु                       पढन्द        
तु  (तू )                       खांन्द                  जान्द              पढन्द      
तुम(आप/तुम)                   खन्दो                  जान्दो                       पढदो      
उ(वह)                         खान्द                  जान्द                          पढद     
हम(हम सब )                   खन्दो                  जन्दो                 पढदो   
तुम(तुम सब )                  खान्दो                  जान्दो                      पढदो    
उ(वे सब)                      खन्दी                               जन्दी                        पढदी      


नोट : पहले ही बताया जा चुका है कि गढ़वाली में "आप " सर्वनाम का प्रयोग नहीं होता. सम्मानसूचक के तौर पर भी "तुम" ही कहा जाता है. जैसे 

आप क्या पढ रहे हैं ? गढ़वाली में कुछ ऐसा होगा : तुम क्य पढ़दो ?     





कुमाऊँनी में वर्तमान काल

आज हम कुमाऊँनी क्रियाओं के वर्तमान काल के रूप (conjugations) पढेंगे .जैसे कि आपको बताया जा चुका है कि क्रिया काल ,पुरुष और वचन के अनुसार अपना रूप बदलती है ,और इन सभी विषयों को हम पिछले पाठ में पढ़ चुके हैं .तो चलिए आज पढते हैं वर्तमान काल :

कुमाऊँनी सर्वनाम (हिंदी सर्वनाम )   खाण(खाना )            जाण(जाना )        पणण(पढ़ना)   


मि (मैं )                       खानीऽ                जानीऽ                       पणनी       
तु  (तू )                       खांछे                 जान्छे             पणन्छे    
तुम(आप/तुम)                  खान्छा                 जान्छा                    पणन्छा    
उ(वह)                          खानै                  जानै                       पणनै   
हम(हम सब )                  खऽन्या                 जऽन्या              पणन्या 
तुम(तुम सब )                 खान्छा                  जान्छा                   पणन्छा  
उ(वे सब)                      खऽनी                               जऽनी                     पणनी    


नोट : पहले ही बताया जा चुका है कि कुमाऊँनी में "आप " सर्वनाम का प्रयोग नहीं होता. सम्मानसूचक के तौर पर भी "तुम" ही कहा जाता है. जैसे 

आप क्या पढ रहे हैं ? कुमाऊँनी में कुछ ऐसा होगा : तुम के पणन्छा ?     






बुधवार, 23 मार्च 2011

गढ़वाली के सर्वनाम



आपको गढ़वाली  के वर्तमान काल की क्रियाओं का रूप बटाने से पहले सर्वनामों का ज्ञान होना चाहिए .इसीलिए सबसे  पहले आपको गढ़वाली  के सर्वनामों से परिचित करा लेना उचित होगा क्योंकि, किसी भी क्रिया का रूप उसके काल के साथ साथ उसके पुरुष(प्रथम,द्वितीय ) तथा संख्या (एकवचन ,बहुवचन ) पर निर्भर करता है. तो देखिए कैसे होते हैं गढ़वाली सर्वनाम :


                          हिंदी के सर्वनाम                         गढ़वाली  के सर्वनाम

    

     प्रथम पुरुष एकवचन          मैं                           मि  
  
   द्वितीय पुरुष एकवचन          तू/तुम/आप(सम्मानसूचक)        तु/तुम*(सम्मानसूचक)    

    तृतीय  पुरुष एकवचन         वो/वह                         उ/वो       

      प्रथम पुरुष बहुवचन         हम                           हम   

   द्वितीय  पुरुष बहुवचन         तुम(तुम सब)                   तुम    


    तृतीय  पुरुष बहुवचन          वे(वे सब)                      उ/वो    
    



* गढ़वाली में भी कुमाऊंनी की ही तरह मूलतः  "आप" सर्वनाम का प्रावधान नहीं है सम्मानसूचक के तौर पर "तुम" ही चलता है.  




      

कुमाऊँनी में सर्वनाम


आपको कुमाऊँनी के वर्तमान काल की क्रियाओं का रूप बटाने से पहले सर्वनामों का ज्ञान होना चाहिए .इसीलिए सबसे  पहले आपको कुमाऊँनी के सर्वनामों से परिचित करा लेना उचित होगा क्योंकि, किसी भी क्रिया का रूप उसके काल के साथ साथ उसके पुरुष(प्रथम,द्वितीय ) तथा संख्या (एकवचन ,बहुवचन ) पर निर्भर करता है. तो देखिए कैसे होते हैं कुमाऊँनी सर्वनाम :


                          हिंदी के सर्वनाम                         कुमाऊँनी के सर्वनाम

    

     प्रथम पुरुष एकवचन          मैं                           मि  
  
   द्वितीय पुरुष एकवचन          तू/तुम/आप(सम्मानसूचक)        तु/तुम*(सम्मानसूचक)    

    तृतीय  पुरुष एकवचन         वो/वह                         उ      

      प्रथम पुरुष बहुवचन         हम                           हम   

   द्वितीय  पुरुष बहुवचन         तुम(तुम सब)                   तुम    


    तृतीय  पुरुष बहुवचन          वे(वे सब)                      उ   
    



* कुमाऊँनी में मूलतः  "आप" सर्वनाम का प्रावधान नहीं है सम्मानसूचक के तौर पर "तुम" ही चलता है.  




      

सोमवार, 21 मार्च 2011

गढ़वाली के कुछ आम शब्द


आज हम आप लोगों को गढ़वाली  के कुछ आम बोलचाल के शब्द बताएँगे जो कि आप पहले बताये गए वाक्यों के साथ जुगलबंदी कर नए वाक्य बना सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज की क्लास और सीखते हैं कुछ आम गढ़वाली  शब्द :   



घर : कूड़

कमरा : कमरा 

खेत-खलिहान : पुंगड़ा /डोखरी
  
रसोई : रस्वड़
  
दीवार : दिवाल

चौक/आँगन : चौक

छन : छन्नी /गोठ्
   
खाना : खऽण

पानी : पाणि

कपड़े : लारा /कत्ता
   
चूल्हा : चुल्लू

पत्थर – ढुंगु

 मिट्टी – मऽटु
लकड़ी- लकुड़

चादर – चदरी
  
तकिया – सिरणि
  
चश्मा – चशमा

बोतल – बोतल

लोटा – ल्वट्टा

अंधेरा – अन्ध्यर

उजाला – उज्यल

लाइट – लैट

थाली – थकुल

ठंड – ह्यून्द 

गर्मी – रुड़ि

तौलिया – तौल्या

पाउडर – पौडर

शीशा – ऐनक

रंग – रँग

चटाई – चटै  

चारपाई  - खल्ला /खटुल 

रजाई - खातिड़ 
  
कम्बल -कमुल 

कुमाऊँनी के कुछ आम शब्द


आज हम आप लोगों को कुमाऊँनी के कुछ आम बोलचाल के शब्द बताएँगे जो कि आप पहले बताये गए वाक्यों के साथ जुगलबंदी कर नए वाक्य बना सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज की क्लास और सीखते हैं कुछ आम कुमाऊँनी शब्द :   



घर : कुड़

कमरा : कम्र
 
खेत-खलिहान : गऽड़- भिड़

रसोई : रश्यो
 
दीवार : दिवाल

चौक/आँगन : छिन

छन : ग्वाड़/गोठ्
   
खाना : खऽण

पानी : पाणि

कपड़े : थिकाउ/कपऽड़
 
चूल्हा : चुल

पत्थर – ढुंग्

 मिट्टी – मऽट

लकड़ी- लकड़

चादर – चधर

तकिया – सिरानि

बिछावन – बिछूऽड़

चश्मा – चशम

बोतल – बोतव

लोटा – लोटिइ

अंधेरा – अन्यऽर

उजाला – उज्यऽव

लाइट – लैट

थाली – थाइ

ठंड – ह्यून

गर्मी – रुड़ि

तौलिया – तौलीऽ

पाउडर – पौडर

शीशा – ऐनिऽ

रंग – रँग

चटाई – फिण


  

बुधवार, 16 मार्च 2011

कुमाऊँनी में अभिवादन

कुमाऊँनी में भी हिन्दी के ही सामान्य अभिवादन नमस्ते /नमस्कार  आदि प्रचिलित हो चुके हैं पर अपने से बड़ों को अभिवादन करते समय अभी भी ठेट कुमाऊँनी शब्द 'पैलाग' का उपयोग होता है  .
एक उदहारण देखते हैं :


पैलाग दाज्यू, के हाल हरि तुमार ? / कास हैरछा तुम ?

नमस्कार भाईसाहब ! कैसे हैं आप  

गढ़वाली में क्रियाएँ


किसी भी अन्य भाषा की तरह गढ़वाली  भाषा की भी अपनी क्रियाएँ हैं जो कि कुछ तो हिंदी से ही मिलती जुलती हैं (संस्कृत से समान  उद्गम होने के कारण  ) पर कुछ अपने में ही काफी अलग हैं(जैसे गढ़वाली में दूध दुहने को ग्वील करण  कहते हैं जो कि हिंदी से काफी अलग है ) .यह क्रियाएँ भी अलग अलग पुरुष(प्रथम ,द्वितीय पुरुष ) और वचन(एकवचन /बहुवचन ) के अनुसार अपने रूप बदलती हैं .तो आइये इन क्रियाओं के रूप(conjugation) देखें  परन्तु उससे पहले आपको क्रिया के शुद्धतम रूप(infinitive)  के विषय में बता दें.
क्रिया के रूप तो अनेक होते ही हैं परन्तु उसका एक शुद्धतम रूप भी होता है जिसे हम अंग्रजी में infinitive कहते हैं ,उदाहरण के तौर पर "मैं खाता हूँ" ,"हम खाते हैं" यह तो क्रिया के परिवर्तनीय रूप हैं परन्तु "खाना" उसका शुद्धतम रूप है ..ऐसे ही "उठना","सोना ","खेलना ","रोना" ,"पढ़ना" आदि यह सभी क्रिया के शुद्धतम रूप हैं और गढ़वाली में भी बिलकुल यही स्वरुप है .भविष्य में भी आपका कोई भी क्रिया बताते समय उसके शुद्धतम रूप(infinitive)  में ही बताई जाएगी. 

ऐसे ही पहले तो गढ़वाली  की कुछ क्रियाएँ बता दी जाएँ :

होना : हूँण 

करना : करण 

पढ़ना : पढ़ण 

लिखना : लिखण 

चलना : हिटण 

खेलना : ख्यलण 

सोचना : स्वचण 

सोना : सींण 

जाना : जाँण 

आना : आँण      

बोलना : बच्याँण  













कुमाऊँनी की क्रियाएँ

किसी भी अन्य भाषा की तरह कुमाऊँनी भाषा की भी अपनी क्रियाएँ हैं जो कि कुछ तो हिंदी से ही मिलती जुलती हैं (संस्कृत से समान  उद्गम होने के कारण  ) पर कुछ अपने में ही काफी अलग हैं .यह क्रियाएँ भी अलग अलग पुरुष(प्रथम ,द्वितीय पुरुष ) और वचन(एकवचन /बहुवचन ) के अनुसार अपने रूप बदलती हैं .तो आइये इन क्रियाओं के रूप(conjugation) देखें  परन्तु उससे पहले आपको क्रिया के शुद्धतम रूप(infinitive)  के विषय में बता दें.
क्रिया के रूप तो अनेक होते ही हैं परन्तु उसका एक शुद्धतम रूप भी होता है जिसे हम अंग्रजी में infinitive कहते हैं ,उदाहरण के तौर पर "मैं खाता हूँ" ,"हम खाते हैं" यह तो क्रिया के परिवर्तनीय रूप हैं परन्तु "खाना" उसका शुद्धतम रूप है ..ऐसे ही "उठना","सोना ","खेलना ","रोना" ,"पढ़ना" आदि यह सभी क्रिया के शुद्धतम रूप हैं और कुमाऊँनी में भी बिलकुल यही स्वरुप है .भविष्य में भी आपका कोई भी क्रिया बताते समय उसके शुद्धतम रूप(infinitive)  में ही बताई जाएगी.

ऐसे ही पहले तो कुमाऊँनी की कुछ क्रियाएँ बता दी जाएँ :




होना –हुँण

करना – करण 

खाना – खाण

सोना –पणण

पढ़ना – पढ़ण 

उठना – उठण

पीना –पीँण

खेलना –ख्यलण

बात करना – बात करण 

       

सोमवार, 14 मार्च 2011

कुमाऊँनी भाषा के साधारण प्रश्नोत्तर

आज आपको आम जीवन में पूछे जाने वाले साधारण और आम प्रश्न- उत्तर कुमाऊँनी में बताए जायेंगे .तो चलिए शुरू करते हैं :


आपका नाम क्या है ?

तुमर नाम के छू?

मेरा नाम धीरज है. 
म्यर नाम धीरू* छु. 



आप कहाँ रहते हैं ?
तुम काँक रुणि छा?


मै अल्मोड़ा में रहता हूँ . 
मि अल्माणऽ* रुणि छु.

आप क्या काम करते हैं? 
तुम के काम कर्छा?

मैं पाठशाला में अध्यापक हूँ .
मि इस्कूल में मास्टर छु.

आपको कुमाऊँनी बोलनी आती है ? 
तुमनके कुमाऊँनी बुलाण ऊँछा के ?

हां थोड़ी बहुत आती है . 
हां थ्वाड़ भौत ऊँ .

आपके माता-पिता का क्या नाम है ? 
तुमर इज-बौज्यू नौ नाम के छु ?


मेरी माताजी का नाम सरुली देवी है और मेरे पिताजी का नाम त्रिलोक सिंह है . 
म्यर इजो नाम सरुलि देवी छु और म्यर बौज्यू नौ नाम तिरलोक सिंग छु.

आपके गाँव का नाम क्या है?
तुमर गौ नाम के छु ?

मेरे गाँव का नाम भटखाव है. 
म्यर गौ नाम भटखाव्  छु.

आप अपने गाँव में कहाँ रहते हो ?
तुम आपण गौ में काँ रूँछा ?

मैं म्ल्खाबखाड़ में रहता हूँ. 
मि मऽलबखाइ में  रूँ .

आप कितने भाई बहन हैं ?
तुम कदु भै-बैणी छा ?

हम दो भाई और तीन बहन हैं .
हम द्वि भै और तीन बैणी छा


 * कुमाऊँनी  में भी गढ़वाली की तरह  लोगों तथा नगरों के नामों का क्षेत्रीय रूप अधिक प्रचिलित है
    जैसे धीरज का धीरू , रवि का रब्बी , सुनीता का सुन्ता ..,हल्द्वानी का हल्द्वण . नामों के  क्षेत्रीय
    कुमाऊँनी  रूप के लिए एक अलग पाठ अपलोड किया जाएगा.

 नोट : हिंदी से  कुमाऊँनी  में अनुवाद करते समय 'आप' को 'तुम'  में  बदल दिया गया है क्योंकि मूल रूप से "आप"  कुमाऊँनी का सर्वनाम नही है. सामन्यतः इसमें अन्य उत्तर भारतीय बोलियों की तरह  औपचारिक वार्तालाप में या सम्मान सूचक के तौर पर 'तुम' ही प्रयुक्त होता है . 


 

रविवार, 13 मार्च 2011

गढ़वाली में समान्य प्रश्न

आज आपको आम जीवन में पूछे जाने वाले साधारण और आम प्रश्न- उत्तर गढ़वाली में बताए जायेंगे .तो चलिए शुरू करते हैं :

आपका कैसे हैं ?
तुम कन् छो / तुमरा क्य हाल छी ?

मै ठीक हूँ .
मि भलू/ठिक  छौ .

आपका नाम क्या है ?
तुमर नौ क्या च ?

मेरा नाम धीरज है
म्यार नौ धीरु * च     



आप क्या काम करते हैं ?
तुम क्य करदो ?


मैं पाठशाला में शिक्षक हूँ .
मि इस्कोल मा मास्टर छो .


आप कहाँ रहते हैं ?
तुम कख रह्न्दो ?


मै ऋषिकेश में रहता हूँ
मि रिसकेस* मा रहंद .





    * गढ़वाली में लोगों तथा नगरों के  नामों का क्षेत्रीय रूप अधिक प्रचिलित है
      जैसे धीरज का धीरू , रवि का रब्बी , सुनीता का सुन्ता ..,कोटद्वार का
      क्वटदार . नामों के  क्षेत्रीय गढ़वाली रूप के लिए एक अलग पाठ 
                               अपलोड किया जाएगा.






नोट : हिंदी से  गढ़वाली में अनुवाद करते समय 'आप' को 'तुम'  में  बदल दिया गया है क्योंकि मूल रूप से "आप"  गढ़वाली का सर्वनाम नही है. सामन्यतः इसमें अन्य उत्तर भारतीय बोलियों की तरह  औपचारिक वार्तालाप में या सम्मान सूचक के तौर पर 'तुम' ही प्रयुक्त होता है . 

शनिवार, 12 मार्च 2011

कुमाऊँनी में अभिवादन

कुमाऊँनी में भी हिन्दी के ही सामान्य अभिवादन नमस्ते /नमस्कार  आदि प्रचिलित हो चुके हैं पर अपने से बड़ों को अभिवादन करते समय अभी भी ठेट कुमाऊँनी शब्द 'पैलाग' का उपयोग होता है  .
एक उदहारण देखते हैं :


पैलाग दाज्यू, के हाल हरि तुमार ?

नमस्कार भाईसाहब ! कैसे हैं आप?